Comparison people: लोगों से तुलना,

 आचार्य चाणक्य के इस कथन के अनुसार, किसी को कभी भी अपने जीवन की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए, अक्सर ऐसा होता है, कि लोग दूसरे को देखकर अपने जीवन की तुलना उनसे करने लगते हैं,

 ये तुलना कई बार पैसे, मकान, करियर या फिर कपड़ों की भी हो सकती है, अगर आप भी इसको लेकर अपनी तुलना दूसरों से करते हैं तो इस आदत को तुरंत बदल दें, नहीं तो आपको कभी परेशानी में भी डाल सकती है,

खुद को, अपनी तुलना दूसरों से करने से रोकना कठिन है, आजकल हर किसी को परफ़ेक्ट बनना है। यदि हम अपनी उपलब्धियों और दक्षता को जाँचना शुरू कर देते हैं, तो हम सच में आगे बढ़ सकते हैं।
खुद की तुलना दूसरों से करना एक आम बात है, लेकिन यह अक्सर नकारात्मक भावनाओं को जन्म दे सकती है, यह हमें कम आत्मसम्मान, ईर्ष्या, और असंतोष महसूस करवा सकता है,

अपनी यात्रा पर ध्यान दें, दूसरों की तुलना करने के बजाय, अपनी प्रगति और लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें,

अपनी तुलना दूसरों से करने से रोकें, जब आप खुद को दूसरों से तुलना करते हुए पाते हैं, तो अपनी सोच को रोकें और खुद को याद दिलाएं कि हर व्यक्ति अद्वितीय है,

लोगों ने ये भी पूछा (People also ask this Search 🔍):-




निष्कर्ष - कई लोग इस समस्या से जूझते है, यदि आपको मदद की आवश्यकता है, तो आप किसी मित्र, परिवार के सदस्य, या चिकित्सक से बात कर सकते हैं, और भी मैं और अनोखे "Content Writing" पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट PSRDS.in  पर रोजाना विजिट कर सकते हैं, 🙏.

एक टिप्पणी भेजें

भारत में, आईटीआई का अर्थ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान है। ये उत्तर - माध्यमिक विद्यालय हैं जो विभिन्न व्यवसायों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इन्हें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) द्वारा प्रशासित किया जाता है। आईटीआई पाठ्यक्रम आम तौर पर 1-2 साल की अवधि के होते हैं और नौकरी बाजार के लिए प्रासंगिक व्यावहारिक कौशल पर केंद्रित होते हैं। जो लोगों के हित में कार्य करते हैं?

और नया पुराने