[In hindi] ITI Exam 1 st year's भारतीय संविधान क्या है (Our conversation)

 भारतीय संविधान क्या है | भारतीय संविधान का इतिहास | भारतीय संविधान का निर्माण किसने किया |  भारतीय संविधान में कुल कितने मौलिक कर्तव्य वर्णित है | मौलिक कर्तव्य एवं अधिकार | भारतीय संविधान की धाराएं | भारतीय संविधान की विशेषताएं

संविधान राज्य को सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए निर्देशित करता है। इसका मतलब है कि राज्य को गरीबी और असमानता को दूर करने और सभी नागरिकों के लिए जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
संविधान एक लिखित दस्तावेज होता है, जो किसी देश या संगठन के मूल सिद्धांतों और नियमों को निर्धारित करता है, यह देश के शासन ढांचे, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों, और सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है

Table Of Contents.

संविधान क्या है (What is the Constitution)

संविधान और इसके अंतरगत आने वाले निर्देश सिद्धांत को समझने से पहले नैतिक मूल्य के विषय में जानना आवश्यक है, नैतिकता का अर्थ - यह तय करना है, कि लोग द्वार किये जाने वाले व्यवहार में क्या सही है और क्या ग़लत है, एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए नैतिक्ता का जरूरी महत्व है, जिसे हर कोई सुरक्षित और सम्मनित महसुस करें, शुद्ध समाज के लिए नैतिकता एक समान होती है, 

मुलय वह विश्वास है, जो हमारे नजरिया को सही दिशा देता है, इसे यह पता चलता है, की व्यक्तित्व घर एव समाज में कैसा व्यवहार करता है, यह व्यक्ति के चरित्र को निर्धारित करता है, Pratyek vakti ke Apne mulya hote hain जो उनके परिवार एव संस्कृति धर्म के माध्यम से सिखाए जाते हैं, इस प्रकार हमारा मूल्य हमारा व्यवहार को निर्धारित करता है, यदि हमारा मूल्य व्यक्ति का सम्मान करता है, तो वास्तव में हम अपने कार्य में सक्रिय रहते हैं,

संविधान में नैतिक मूल्यों को बरकरार रखना (Upholding moral values in the Constitution)

1.) विश्वस्नीयता - इसके अंतरगत आयोग इमानदार रहे, लोगों तक विश्वास रखें और इमानदार रहे

2.) उत्तरदायित्व - साधरण विद्या देखा जाता है कि व्यक्ति जवाब देही से बचता है, इसलिए सबसे जरूरी है की जवाब देने का साहस रखें और लोगों को मनाएं इसके साथ ही प्रयास करते रहें तथा अपनी तरफ से सबसे बेहतर बात बोले 

3.) दूसरे लोगों की चिंता करें - दूसरे लोगों की जरूरत में सहायता करें, सहनुभूति दिखाएं तथा दयालु बने, 

भारतीय संविधान का मुख्य सिद्धांत (Main principles of the Indian Constitution)

भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। यह भारत के शासन ढांचे, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों, और सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है,


1. संप्रभुता - भारत एक संप्रभु देश है, जिसका अर्थ है कि यह अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का अधिकार रखता है। भारत की संप्रभुता उसके लोगों में निहित है, और वे अपनी सरकार चुनने और उसे हटाने का अधिकार रखते हैं।

2. समाजवाद - भारत एक समाजवादी देश है, जिसका अर्थ है कि यह सभी नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता का लक्ष्य रखता है। भारतीय संविधान राज्य को निर्देश देता है कि वह सभी नागरिकों के लिए समान अवसर प्रदान करे और गरीबी और असमानता को दूर करने के लिए प्रयास करे।

3. धर्मनिरपेक्षता - भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसका अर्थ है कि यह किसी भी धर्म को राज्य धर्म के रूप में मान्यता नहीं देता है। भारतीय संविधान सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, और यह राज्य को किसी भी धर्म के मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकता है।

4. लोकतंत्र - भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसका अर्थ है कि यह सरकार का एक रूप है जिसमें लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं। भारतीय संविधान सभी नागरिकों को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वोट देने का अधिकार देता है, और यह सरकार को जवाबदेह बनाता है।

5. गणतंत्र - भारत एक गणतंत्र है, जिसका अर्थ है कि यह एक ऐसा देश है जिसमें कोई राजा या रानी नहीं होता है। भारतीय संविधान भारत के राष्ट्रपति को राज्य का मुखिया बनाता है, और यह राष्ट्रपति को एक निर्वाचित निकाय द्वारा चुना जाता है।

6. संघीयता - भारत एक संघीय देश है, जिसका अर्थ है कि यह एक ऐसा देश है जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारें होती हैं। भारतीय संविधान केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन करता है, और यह दोनों स्तरों की सरकारों को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आवश्यक शक्तियां प्रदान करता है।

7. न्यायिक समीक्षा - भारतीय संविधान न्यायिक समीक्षा का सिद्धांत स्थापित करता है, जिसका अर्थ है कि न्यायालयों को यह अधिकार है कि वे यह निर्धारित करें कि क्या कोई कानून संविधान के अनुरूप है या नहीं। यदि कोई कानून संविधान के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है।

8. मौलिक अधिकार -  भारतीय संविधान नागरिकों को कई मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जैसे कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार, और जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार।

9. नीति निर्देशक तत्व - भारतीय संविधान राज्य के लिए नीति निर्देशक तत्वों का एक समूह भी स्थापित करता है। ये तत्व राज्य को सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने, गरीबी और असमानता को दूर करने, और सभी नागरिकों के लिए जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

10. संविधान की सर्वोच्चता - भारतीय संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है, और यह सभी कानूनों और नीतियों से ऊपर है। यदि कोई कानून या नीति संविधान के अनुरूप नहीं है, तो उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है,

संविधान में भारतीय नागरिक का अधिकार (Rights of Indian citizens in the Constitution)

भारतीय संविधान में नागरिकों के कई महत्वपूर्ण अधिकार शामिल हैं, जैसे -  कि मौलिक अधिकार, स्वतंत्रता, समानता, धार्मिक स्वतंत्रता, भाषा और सांस्कृतिक मान्यता, स्थानीय स्वायत्तता, न्यायपालिका के साथ संविधानीय अधिकार, और अन्य समान अधिकार, इन अधिकारों का उद्धारण धारा 14 से धारा 32 तक किया गया है,

1. संप्रभुता - भारत एक संप्रभु देश है, जिसका अर्थ है, कि यह अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का अधिकार रखता है, भारत की संप्रभुता उसके लोगों में निहित है, और वे अपनी सरकार चुनने और उसे हटाने का अधिकार रखते हैं,

2. समाजवाद - भारत एक समाजवादी देश है, जिसका अर्थ है कि यह सभी नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता का लक्ष्य रखता है,  भारतीय संविधान राज्य को निर्देश देता है कि वह सभी नागरिकों के लिए समान अवसर प्रदान करे और गरीबी और असमानता को दूर करने के लिए प्रयास करे,

3. धर्मनिरपेक्षता - भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसका अर्थ है कि यह किसी भी धर्म को राज्य धर्म के रूप में मान्यता नहीं देता है, भारतीय संविधान सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, और यह राज्य को किसी भी धर्म के मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकता है,

4. लोकतंत्र - भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसका अर्थ है कि यह सरकार का एक रूप है, जिसमें लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं, भारतीय संविधान सभी नागरिकों को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वोट देने का अधिकार देता है, और यह सरकार को जवाबदेह बनाता है,

5. गणतंत्र - भारत एक गणतंत्र है, जिसका अर्थ है कि यह एक ऐसा देश है, जिसमें कोई राजा या रानी नहीं होता है, भारतीय संविधान भारत के राष्ट्रपति को राज्य का मुखिया बनाता है, और यह राष्ट्रपति को एक निर्वाचित निकाय द्वारा चुना जाता है।

6. संघीयता - भारत एक संघीय देश है, जिसका अर्थ है कि यह एक ऐसा देश है, जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारें होती हैं, भारतीय संविधान केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन करता है, और यह दोनों स्तरों की सरकारों को अपनी - अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आवश्यक शक्तियां प्रदान करता है,

7. न्यायिक समीक्षा - भारतीय संविधान न्यायिक समीक्षा का सिद्धांत स्थापित करता है, जिसका अर्थ है, कि न्यायालयों को यह अधिकार है कि वे यह निर्धारित करें कि क्या कोई कानून संविधान के अनुरूप है या नहीं, यदि कोई कानून संविधान के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है,

8. मौलिक अधिकार - भारतीय संविधान नागरिकों को कई मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जैसे - कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार, और जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार,

9. नीति निर्देशक तत्व - भारतीय संविधान राज्य के लिए नीति निर्देशक तत्वों का एक समूह भी स्थापित करता है, ये तत्व राज्य को सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने, गरीबी और असमानता को दूर करने, और सभी नागरिकों के लिए जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन करते हैं,

10. संविधान की सर्वोच्चता - भारतीय संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है, और यह सभी कानूनों और नीतियों से ऊपर है। यदि कोई कानून या नीति संविधान के अनुरूप नहीं है, तो उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है,

भारतीय संविधान में कर्तव्य का महत्व (Importance of duty in the Indian Constitution)

1.) संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थाओं का सम्मान करना

2. स्वतंत्रता का दुरुपयोग न करना और दूसरों के अधिकारों का सम्मान करना

3. देश की रक्षा करना और राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना

4. भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना और सभी नागरिकों के साथ समानता का व्यवहार करना

5. देश की समृद्धि और एकता को बढ़ावा देना

6.) वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना और मानवतावाद का पालन करना

7. पर्यावरण की रक्षा करना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना

8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और अंधविश्वासों से दूर रहना

9. सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और उसका दुरुपयोग न करना

10. शिक्षा प्राप्त करना और ज्ञान का प्रसार करना

11. उत्कृष्टता का प्रयास करना और देश को गौरवान्वित करना

भारतीय संविधान की विशिष्टता (Features of the Indian Constitution)

  • लिखित और विस्तृत - भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, इसमें 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियां हैं, यह संविधान भारत के शासन ढांचे, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों, और सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को विस्तार से परिभाषित करता है
  • संप्रभु, समाजवादी - धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, 
  • गणतंत्र और संघीय - भारतीय संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्र और संघीय देश घोषित करता है
  • कठोर और लचीला - भारतीय संविधान कठोर और लचीला दोनों है, संविधान के कुछ प्रावधानों को संशोधित करना आसान है, जबकि अन्य को संशोधित करना अधिक कठिन है
  • संविधान की सर्वोच्चता: भारतीय संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है, और यह सभी कानूनों और नीतियों से ऊपर है। यदि कोई कानून या नीति संविधान के अनुरूप नहीं है, तो उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है,
  •  संविधान की गतिशील प्रकृति - भारतीय संविधान एक गतिशील दस्तावेज है, जिसे समय - समय पर बदलते हुए सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों के अनुकूल बनाया जा सकता है
  • भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व - भारतीय संविधान भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है, यह विभिन्न धर्मों, भाषाओं, संस्कृतियों और समुदायों के लोगों को एकजुट करता है

भारतीय संविधान के मुख्य भाग (Main parts of the Indian Constitution)

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. शोषण के खिलाफ अधिकार
  4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
  5. सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार

संविधान दिवस कब मनाया जाता है (When is Constitution Day celebrated)

संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को संविधान के महत्व और उसमें निहित मूल्यों के बारे में जागरूक करना है, इस दिन, स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे - कि भाषण, वाद-विवाद, और प्रदर्शनियां,

भारत में संविधान दिवस हर साल "26 जनवरी" को मनाया जाता है, यह दिन 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने की स्मृति में मनाया जाता है

भारतीय लोग संविधान के प्रति सम्मान (Respect for the Constitution of the Indian people)

  • वे संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों का पालन करते हैं
  • वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक रहते हैं
  • वे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करते हैं
  • वे राष्ट्रीय गीत गाते हैं
  • वे संविधान दिवस मनाते हैं
  • भारतीय लोग मिलकर रहते हैं
  • याह दूसरे लोगों से हिंसा नहीं करते हैं
  • विदेशी लोगों का सम्मान करते हैं
  • याह अपने कर्तव्यो के बारे में जागरूक रहते हैं

संविधान की रचना कैसे हुई (How was the Indian Constitution composed)

भारतीय संविधान की रचना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी, यह प्रक्रिया 1935 में भारत सरकार अधिनियम के पारित होने के साथ शुरू हुई, इस अधिनियम ने भारत में प्रांतीय स्वायत्तता की स्थापना की और एक संविधान सभा बनाने का प्रावधान किया

संविधान सभा का चुनाव 1946 में हुआ था, इसमें 389 सदस्य थे, जिनमें से 292 सीधे चुने गए थे, संविधान सभा का अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद और उपाध्यक्ष सरदार वल्लभभाई पटेल थे,

संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन में 165 दिन बैठक की, इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतंत्रता थी,

संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया,  यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ,

संविधान में लिखे हुए कुछ महत्तवपूर्ण भाग (Some important things written in the Constitution)

1.) भाषा - भारत की 22 आधिकारिक भाषाएँ हैं

2.) कर्तव्य - संविधान में नागरिकों के लिए 11 मौलिक कर्तव्य भी स्थापित किए गए हैं

3.) मौलिक अधिकार - संविधान नागरिकों को छह मौलिक अधिकार प्रदान करता है

4.) नीति - निर्देशक तत्व राज्य के लिए 47 नीति निर्देशक तत्वों को स्थापित करते हैं

5.) न्यायपालिका - भारत में एक स्वतंत्र और शक्तिशाली न्यायपालिका है, 

संविधान का इतिहास (History of the Constitution)

1857 का विद्रोह- भारत में संविधान का इतिहास 1857 के विद्रोह से शुरू होता है, इस विद्रोह ने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव को हिला दिया और ब्रिटिश सरकार को भारत में सुधारों की आवश्यकता महसूस हुई

1861 का भारतीय परिषद अधिनियम - इस अधिनियम ने भारत में विधान परिषदों की स्थापना की, ये परिषदें केवल सलाहकार निकाय थीं, लेकिन उन्होंने भारतीयों को राजनीतिक भागीदारी का पहला अनुभव प्रदान किया

1909 का भारतीय परिषद अधिनियम - इस अधिनियम ने भारतीयों को विधान परिषदों में अधिक प्रतिनिधित्व दिया और उन्हें कुछ सीमित शक्तियां प्रदान कीं,

1919 का भारतीय सरकार अधिनियम - इस अधिनियम ने भारत में द्वैध शासन की स्थापना की, इस अधिनियम ने केंद्र सरकार और प्रांतीय सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन किया

1935 का भारत सरकार अधिनियम - इस अधिनियम ने भारत में प्रांतीय स्वायत्तता की स्थापना की और एक संविधान सभा बनाने का प्रावधान किया

1946 का कैबिनेट मिशन - इस मिशन ने भारत में संविधान सभा बनाने के लिए एक योजना प्रस्तुत की

1947 में भारत की स्वतंत्रता - भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली

भारतीय संविधान के मुख्य अनुच्छेद (Main articles of the Indian Constitution)

भारतीय संविधान में 470 अनुच्छेद हैं, जिनमें से प्रत्येक विभिन्न विषयों से संबंधित है,

संविधान की स्थापना क्या है (What is the establishment of the Constitution)

संविधान की स्थापना से नए कानून एव नए राज्य बनाने का अधिकार भारतीय सरकार को मिलता है, और समय - समय पर नए कानून पारित करने का भी अधिकार उनके हाथ में होता है, समय - समय पर चुनाव (Election) भी वह लोग करवा सकते हैं,

लोगों को संविधान की आवश्यकता क्यों है (Why do people need a constitution)

संविधान सरकार को यह बताता है कि वह कैसे काम कर सकती है और अपनी शक्तियों का उपयोग कैसे कर सकती है, यह सुनिश्चित करता है कि सरकार मनमानी तरीके से कार्य न करे और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न करे, संविधान राज्य को सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए निर्देशित करता है, इसका मतलब है कि राज्य को गरीबी और असमानता को दूर करने और सभी नागरिकों के लिए जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए

अगर संविधान नहीं होता तो क्या होता (What would have happened if there was no constitution)

  • मनमानी सरकार संविधान के बिना, सरकार मनमानी तरीके से कार्य कर सकती थी 
  • नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन कर सकती थी
  • असमानता संविधान के बिना, सामाजिक और आर्थिक असमानता बढ़ सकती थी
  • अस्थिरता संविधान के बिना, भारत में राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता हो सकती थी
  • विघटन संविधान के बिना, भारत एकजुट राष्ट्र नहीं रह सकता था
  • हमारे यहां राजा और महाराजा का राज्य चलता सरकार का कोई बात ही नहीं सुनता
  • लोग एक दूसरे के संपत्ति को हड़पने लगते हैं
  • लोग अत्याचार अत्याचारी होते हैं
  • देश में अशांति का माहौल होता है
  • हाय दिन देश में मार कार्ड की समस्या होती है

संविधान लोगों को न्याय दिलाता है (The Constitution provides justice to the people)

जी ह संविधान लोगों को न्याय दिलाता है उसमें लिखे गए बात के आधार पर सरकार यह निर्णय लेती है कि कौन से व्यक्ति को कैसे सजा दिया जाए, और गलती नहीं करने वाले व्यक्ति को कैसे न्याय मिले Samasya का संविधान भी कानून में लिखा गया है, इसलिए भारतीय लोग संविधान पर भरोसा करते हैं, लगता है कि हम गलती नहीं करते हैं तो हमें सजा नहीं मिल सकती, लेकिन आज के समय में ये उल्टा हो रहा है, पैसे के वजह से खराब निर्दोश व्यक्ति बच जाते हैं, और भले व्यक्ति को सजा हो जाती है,

संविधान का कार्य क्या है (What is the function of the Constitution)

  • अपने देश में स्वयं का कानून बनाना
  • सही तरीके से लोगों के विचार को चुनना
  • भेदभाव को दूर करना
  • सभी लोगों को एक समान शिक्षा प्रदान करना
  • देश में शांति कायम रखना
  • गरीबी से जूझ रहे लोगों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना

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Conclusion - यह लेख एक अधिकार है, जो लोगों को हिंदी में कंटेंट प्रोवाइड करवाता है, अगर आप भी इस तरह के नए-नए ब्लॉग कॉन्टेंट पढ़ना चाहते हैं, तो आप हमारे वेबसाइट को डेली विजिट कर सकते हैं, Thanks 🙏, Have a nice day ☀️.

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भारत में, आईटीआई का अर्थ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान है। ये उत्तर - माध्यमिक विद्यालय हैं जो विभिन्न व्यवसायों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इन्हें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) द्वारा प्रशासित किया जाता है। आईटीआई पाठ्यक्रम आम तौर पर 1-2 साल की अवधि के होते हैं और नौकरी बाजार के लिए प्रासंगिक व्यावहारिक कौशल पर केंद्रित होते हैं। जो लोगों के हित में कार्य करते हैं?

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