What is solid | ठोस क्या है, ठोस का वर्गीकरण लिखें | Solid In Hindi!

 ठोस पदार्थ की एक अवस्था है, जिसकी पहचान पदार्थ की संरचनात्मक दृढ़ता और विकृति के प्रति प्रत्यक्ष अवरोध के गुण के आधार पर की जाती है। ठोस पदार्थों में उच्च यंग मापांक और अपरूपता मापांक होते है। इसके विपरीत, ज्यादातर तरल पदार्थ निम्न अपरूपता मापांक वाले होते हैं और श्यानता का प्रदर्शन करते हैं,

क्रिस्टलीय ठोस - इन ठोस पदार्थों में परमाणुओं या अणुओं का एक सुव्यवस्थित क्रम होता है। क्रिस्टलीय ठोसों के कुछ उदाहरण हैं: लोहा, सोना, हीरा, नमक,

अक्रिस्टलीय ठोस - इन ठोस पदार्थों में परमाणुओं या अणुओं का कोई सुव्यवस्थित क्रम नहीं होता है। अक्रिस्टलीय ठोसों के कुछ उदाहरण हैं: कांच, प्लास्टिक, लकड़ी,

ठोस का वर्गीकरण लिखें (Write the classification of 🪨 Solid)?

ठोस त्रियामी (Three Dimensional) वस्तु होती है, जिसकी लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई, और मोटाई के अनुसार होते हैं, ये पूर्ण रूप से एक सतह से घिरे होते हैं, जो प्लेन (Plain) या कर्व्ड (Curved) होती है, इनके शेष आकार व साइज निश्चित होते हैं, तथा यह स्थान भी फेर सकते हैं,

1.) सही ठोस (Right solid) - इनके अक्ष इनके आधार या सिरे के सामने होते हैं,

2.) तिरछा ठोस (Oblique solid) - इनके अक्ष 90° डिग्री के तिरिक्त किसी भी कोन पर आधार या सिरे पर झुके होते हैं,

3.) नियमित ठोस (Regular solids) - यदि आधार के सभी किनारे (Edges) या सिरे में फेस (End faces) लंबाई में समान होता हो एक रेगुलर प्लेन फिगर बनाए तो ऐसे सॉलिड रेगुलर सॉलिड कहलाते हैं,

ठोस का वर्गीकरण (Classification of solids) - 

(1.) बहुकोणीय आकृति (polyhedra) - तीन से अधिक Planes, समतल सतह से घिरे सॉलिड, Polyhedra कहलते हैं, इसके प्लेन सतह को फेस कहते हैं, इनके चेहरे का सीधा एक दूसरे से जहां मिल्टे हैं,  ऐसे किनारे को भी Edges कहते हैं, जबकी इनकी सभी फेस समान और नियमित होती है, इनहेन रेगुलर पॉली हाइड्रा (Polihedran) कहते हैं, 

A.) चतुर्पाश्वीय (Tetrahedron) - इनमें समबाहु त्रिभुज के आकर के कुल चार चेहरे होते हैं,

B. षट्फलक (Hexahedron) - इन्हें घन Qubeभी कहा जाता है इनमें कुल छः 6 समान फेस होते हैं,

C. प्रिज्मीय (prismatic) - इनमें दो सम्मान आकृति के आधार होते हैं, जो एक दूसरे के समांतर होते हैं, इने सभी रेखा को आयतकार या समांतर चतुर्भुज के आकार की Face से मिलया  जाता है, इने आधारों के केंद्र में मिलने वाली रेखा को बहुत axis  अक्ष कहते हैं, 

अगर इनको अच्छा अक्ष लम्बावत है, तो राइट और रेगुलर प्रिज्म कहते हैं, इनका Face आयतकार होते हैं, इस्के विपरीत, अक्ष किसी Face पर झुका होता है तो याह ओब्लिक प्रिज्म (Oblique prism) कहलते हैं, इनका चेहरा समांतर चतुर्भुज के आकार का होता है,

Priasm का नाम अलग - अलग ग्रुप में लिया जाता है, जिसकी चित्रा भी भिन्न हो सकती हैं, इसलिए आप लोग भी इसे अलग - अलग नाम से जानते होंगे,

D. पिरामिड (Pyramids) - यह पॉली हाइड्रा के रूप में जाना जाता है, जिसका आधार एक समान आकृति के होते हैं, जैसा त्रिभुजाकर वर्गाकर और बहुभुजाकर, इनके त्रिभुजाकर Face एक बिंदु पर मिलते हैं, जिसे एपेक्स (Apex) या वर्टेक्स (Vertex) कहते हैं, एपेक्स को आधार के केंद्र से जुड़ने वाली  रेखा को इसका अच्छ axis कहते हैं, इनका Face की संख्या आधार की भुजाओं के समान होती है, यदि इनको Angel के आकार के अनुसार पर होता है, तो यह सही है, और नियमित पिरामिड कहलाता है, इनका सभी चेहरे समद्रीबाहु त्रिभुज के समान होते हैं, 

यादी इनका अक्ष आधार से किसी कोने पर झुका होता है, तो इन्हें ओब्लिक (Oblic pyramid) पिरामिड कहते हैं, इनके आधार के आकार के नाम के अनुरूप ही पिरामिड को नाम (Choose your name) दिया जाता है, यदि इनका आधार त्रिभुजाकार है, तो त्रिभुज कहते हैं, यदि इनका आधार वर्ग कार्य पिरामिड कहलाता है,

(2.) क्रांतियों का ठोस (Solid of revolutions) :-

जब किसी समतल जोयमितीय आकृति को उसके अक्ष के चारों ओर घुमाया जाता है, तो सॉलिड ऑफ रिवोल्यूशन बनता है, यह सिलेंडर, संकू, और गोल आकार के इसके उदहारण में से एक हैं, 

A.) सिलेंडर (Cylinder) - एक Right Circular ओर गोलाकार सिलेंडर का निर्माण वर्ग की एक भुजा को फिक्स रख्कर घुमाने से होता है, इनका Head समतल होते हैं, इसे Single curved surface कहते हैं, जिसको हमेशा खोलने से एक Plen Surface मिलता रहता है, जिसके सर के केंद्र पर मिलने वाली रेखा को axix कहते हैं, जो लम्बा होत हैं, जिस करण से इसका निर्माण होता है,

B. शंकू (Cone) - किसी समकोण की त्रिभुज की लंबवत भुजा के चारों ओर घूमने से शंकु का निर्माण होता है, इसका विकरण उसकी कवर्ड सतह का निर्माण करता हैं, इसका आधार विरिताकर होता है, इसके नुकीले सिर को एपेक्स (Apex) कहते हैं, एपेक्स को इसके आधार के केंद्र (center ) को मिलाने वाली रेखा को एक्सिस (Axis) कहते हैं, जो आधार पर लंब होती हैं, एपेक्स का आधार के  वीरित के परिधि से मिलने वाली रेखाएं को जनरेट रज कहते हैं, सभी जेनरेट रज की लंबाई समान होती हैं, जो इसके त्रियक ऊंचा होता हैं,


C. गोला (Sphere) - जब किसी अर्ध वृत्त को उसके व्यासों के चरण या घुमाया जाता है तो गोला का निर्माण होता है, ईश ब्यास का मध्य बिंदु गोला का बिंदु होता है, iसकी स्थिति प्रति बिंदु  की  केंद्र से समान होती है, 

लोगों ने ये भी पूछा (FAQ)?

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