Power: सत्य एक जटिल अवधारणा है जिसका कोई एक सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत परिभाषा नहीं है। विभिन्न संस्कृतियों और दार्शनिक परंपराओं में सत्य की अलग-अलग व्याख्याएँ की गई हैं।
सामान्य तौर पर, सत्य को किसी ऐसी चीज़ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो वास्तविकता के अनुरूप है। यह वह है जो जैसा है, वैसा ही है। सत्य को तथ्यों, सिद्धांतों, या विश्वासों के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
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