कुंठित का अर्थ है "रोका हुआ", "बाधित हुआ", या "निराश हुआ"। यह एक नकारात्मक शब्द है और इसका उपयोग अक्सर किसी ऐसी स्थिति या भावना का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो किसी व्यक्ति की इच्छाओं या आकांक्षाओं को पूरा करने में बाधा डालती है,
कुंठित शंकु अनुभाग वह शंकु अनुभाग है जिसमें शंकु का आधार किसी भी तरह से कटा हुआ है, इस प्रकार, कुंठित शंकु अनुभाग में शंकु के आधार का पूरा क्षेत्रफल नहीं होता है,
कुंठित शंकु अनुभागों का उपयोग कई अलग-अलग अनुप्रयोगों में किया जाता है,उदाहरण के लिए, इन्हें अक्सर छतों, खिड़कियों और दरवाजों में उपयोग किया जाता है। कुंठित शंकु अनुभागों का उपयोग अक्सर सजावट के लिए भी किया जाता है,
फ्रस्टम क्या है (What is a frustum)?
जब किसी कोन या पिरामिड को उसके आधार के बराबर काट कर ऊपर के भाग को हटा दे तो नीचे का बच्चा भाग कौन angel 😇 या कहलता Piramid Frustum है, यदी कटिंग प्लेन आधार के समांतर ना होकर किसी कोन पर झुका हुआ है, तो Truncated cone and piramid का भाग कहलाता है,
कॉनिक सेक्शन का मतलब (Meaning of conic section )?
किसी समकोण शंकु (Right Circular Cone) को किसी प्लेन द्वारा इसके एक्सेस Axis से किसी Angel कौन पर काटा जाए तो ताक Down 👇 के भाग ऊपर बानी कर्व को कॉनिक सेक्शन कहते हैं,
कटिंग प्लेन के Angel के अनुसार यह कर्व चार प्रकार के होते हैं -
A. वृत्त (Circle 🔴)
B. दीर्घ वृत्त (Ellipise)
C. परवलय (Parabola)
D. अति परवलय (Hyperbola)
A. वृत्त (Circle 🔴) - जब शंकु को उसके आधार के समांतर या एक्सिस के Lamb रूप में काटा जाए तो बाना कोनिक सेक्शन वृत्त कहा जाता है, इसमें शंकु के सभी जेनरेटर काटते हैं,
C.) परवलय (Parabola) - जब कटिंग प्लेन Plen कोन को कवर्ड सतह की तिर्यक रेखा के समांतर काटा जाता है तो पर बोला बनता है, इसको कटिंग प्लेन का झुकाव कोन एक्सेस वह जनरेटर के बीच बने कौन angel 😇 के समान होता है?
D.) अति परवलय (Hyperbola) - इनमे कटिंग प्लेन तिर्यक रेखा अर्थात जेनरेटर के समांतर नहीं होता तथा आधार से गुजरता हैं, यह कटिंग प्लेन एकसीज के साथ लघुटम angel 😇 बनाता हैं, उसे हम अति परवल कहते हैं,
Elements of Ellipse (दीर्घ के वृत्त के भाग)!
(1.) मेजर एक्सिस (Major axis) - डेयरेक्ट्रिक्स के समकोण पर दीर्घ वृत से गुजरने वाली सबसे बड़ी दूरी को मेजर एक्सिस AB कहते हैं,2.) माइनर एक्सिस (Minor Exis) - मेजर एक्सिस के समकोण समद्विभाजक दूरी को सीडी माइनर एक्सिस कहते हैं, यह डेयरेक्टिस के समांतर होती हैं,
3.) डेयरेक्ट्री मेजर (Directrix) - एक्सिस के समकोण पर बनी सरल रेखा को DD1 डेयरेक्ट्रिस कहते हैं,
4.) वर्टेक्स (Vertex) - दीर्घ वृत की चाप पर मेजर एक्सिस के अंतिम सिरे AB vertex कहलाते हैं,
5.) फॉक्स माइनर (Focus) - एक्सिस, दीर्घ वृत को बिंदु C D पर मिलती हैं, तो यदि C को केंद्र मानकर, मेजर के आधे के समान होते हैं,
6.) फॉक्स रेडियाई (Focal Radii) - दीर्घ वृत पर स्थित बिंदु P से फोकल प्वाइंट F1और F2 के दूरी फोकल प्वाइंट कहलाती हैं,
7.) एक्सेंट्रीसिटी (Eccentricity) - वर्टेक्स से फोकस तथ्था वर्टेस से डेयरेक्ट्रिस के बीच की दूरी के अनुपात को एक्सेंट्रीसिटी कहते हैं,
8.) टैंगेंट और नॉर्मल (Tangents and normal) - एंगल F1 PF2 की समद्विभाजक रेखा नॉर्मल तथा इसके समकोण पर दीर्घ वृत को छूती हैं, रेखा टेंजेट कहलाती हैं,
दीर्घ वृत्त बनाने के लिए कई विद्या अपनाई जाती है जिसमें से मुख्य उदाहरण कुछ इस प्रकार है -
- चाप विधि (Arc Method)
- सकेन्द्रीय वृत्त परिधि (Concentric Circle Method)
- आबलांग विधि (Oblong Method)
- 4 - Centor Methods
- रस्सी और पिन विधि (String And Pin Method)
- Tremmel Methods
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