Employability skills under 21st century | 21वीं सदी के अंतर्गत रोजगार कौशल | In Hindi

 21वीं सदी के अंतर्गत रोजगार कौशल वे कौशल हैं जो 21वीं सदी के समाज और कार्यस्थलों में सफलता के लिए आवश्यक हैं। ये कौशल एक तेजी से बदलते डिजिटल समाज में सफल होने के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए आवश्यक हैं,


  1. समाधान उन्मुख सोच -  समस्याओं को पहचानने और उनके समाधान खोजने की क्षमता, विक्षित कर्ण
  2. सृजनात्मकता और नवाचार - नए विचारों और समाधानों को उत्पन्न करने की क्षमता तेयार किया
  3. क्रिटिकल थिंकिंग - सूचनाओं का मूल्यांकन करने और तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता
  4. संचार - प्रभावी ढंग से लिखने, बोलने और सुनने की क्षमता
  5. टीमवर्क - दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमता
  6. सीखने की क्षमता - नए कौशल और जानकारी सीखने की क्षमता
  7. संस्कृतियों के बीच समझ - विभिन्न संस्कृतियों के बीच समझ और सम्मान विकसित करने की क्षमता
  8. व्यावहारिक अनुभव - वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए कौशलों का उपयोग करना
  9. सहकारी सीखने - दूसरों के साथ काम करके कौशलों का अभ्यास करना
  10. प्रोजेक्ट आधारित सीखने - वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए परियोजनाओं पर काम करना
  11. स्व-निर्देशित सीखने - छात्रों को अपनी गति से सीखने की अनुमति देना,

21वीं सदी का परिचय (21veen sadee ka parichay)?

21वीं सदी के समय रोज़गार कौशल में सबसे बड़ा योगदान है, औद्योगिक क्रांति का अत: सबसे पहले ईस के बारे में की में औद्योगिक क्रांति क्या है? औद्योगिक क्रांति वह प्रक्रिया है, जिसे निर्माण के तरीके में बड़ा - बड़ा बदलव शामिल है, पिछले कुछ (Last Year) में तकनीकी (Technical) और वैज्ञानिक (Sitifics) विकास के कारण अलग-अलग वास्तुओं को Banane ki prakria mein अनेक प्रकार के बदलाव आये हैं, प्रकार से है, जब भी औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) आती है, लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है, जो जीता जागता उदारन है -

भारत औद्योगिक क्रांति का एक झलक (Bhaarat audyogik kraanti ka ek jhalak) -

1.) पहली औद्योगिक क्रांति की शुरूआत 18वीं सदी के आश्रम में हुई, इस्के दौरां मुख्यतः कपास मिल और भाप इंजन वाली ट्रेन का विकास हुआ

2.) दूसरी औद्योगिक क्रांति की शुरूआत 19वीं शताब्दी को कहा जाता है, इसमें बिजली कपडे, गाडी दूसरे वास्तुओं का बड़ी मात्रा में उत्पादन हुआ

3.) तीसरी औद्योगिक क्रांति का आरंभ 20वीं शताब्दी में शुरू हुआ, इसमें कंप्यूटर, इंटरनेट तथा हमारे काम को आसान बनाने वाले एटीएम मशीन (ATM) 🏧 इत्यादी का विकास हुआ

4.) चौथी औद्योगिक क्रांति को 4 से 0 के नाम से जाना जाता है, दिन में जो वास्तु विकसित हुए, उनमे काम करने के लिए बहतरीन लोगों की खोज हुई, जो सिस्टम को चला सकते है, इस प्रकार अधिक मात्रा में नौकरी का इजाज़त हुआ, और लोग खेती गृहस्थी छोड़कर उद्योग पर निर्भर हो गए, और आज भी यही समस्या है,

औद्योगिक प्रतिभाओं को कैसे व्यक्त करें (audyogik pratibhaon ko kaise vyakt karen)?

 Apni yogyata aur pratibhaon ka sampurn vivaran Ho याह वास्तव में कुछ कम है, लेकिन इसे व्यक्त करने का तरीका बिल्कुल सही है, यही प्रयास लोगों के अंदर ज़रूरी है, इसके बारे में मैं आपको कुछ समझाऊंगा - 

  • इंटरव्यू से पहले अपना उत्तर अच्छे से तयार करें
  • अपने कमियों का सुची बनाएं और उसके ऊपर ज्यादा फोकस करें
  • जॉब (Jobs Program) पाने के लिए सबसे महत्तवपूर्ण बात पर फोकस करे
  • आप यून गुन के बारे में बताइए जो आपको खास बनाते हैं
  • अब बताई गई बात उधारन के साथ समझे, और सामने के लोगों को समझाये 
  • लोगों के सामने घबराए नहीं
व्यवहार कुशल (Well behaved) - अपने संपर्क में आने वाले लोगों से जिस प्रकार बात चिट और व्यवहार करते हैं, इस्का उपयोग व्यवहार kosal कहते हैं,

(1.) संवाद - इसमे बोलने का कौशल (Communication), सुनाने का कौशल (Listening Skills) शरीर का हव - भाव, और लेखन कौशल (Writing Skills), आदि कै सारी बात शामिल है, हमारे संवाद का तारिका दूसरों के साथ हमारे रिश्तों को जोड़ सकता है, और सामने के लोग आपकी बात से आकर्षित हो सकते हैं, 

(2.) स्वयं में सुधार (Self Improvement) - खुद को बेहतर बनाने के लिए स्वयं के बारे में जानना है बहुत जरूरी है, अपने आप में सुधार एक ऐसा कौशल है, जिसका उपयोग हम खुद में सुधार और बदलाव के लिए करते हैं, यह हमारा लक्ष्य तय करें और यूज़ में मदद करता है

(3.) Samay mein sudhar (Time Menegment) - याह कौशल हमारे काम को कुशल पूर्व करने में मदद करता है, ताकि हम अपने काम को समय रहते ही पूरा कर सके, और लोगों के काम को जल्दी करें, शाकिब लोगो को परेशान ना हो

(4.) निर्णय लेना (Decision Solving) - जब हमारे पास काई अच्छे विकल्प होते हैं, तब निर्णय लेना मुश्किल होता है, अपने करियर के बारे में निर्णय लेना या करना चाहिए, कब क्या करें और क्या नहीं, यह बात आपके ऊपर निर्भर करता है

(5.) समस्य समाधान  (Conflict Resolution) - विवाद तब होता है जब दो लोग किसी बात पर सहमत नहीं होते हैं, किसी अन्य बात पर उसका झगड़ा होता है, is samasya ka Samadhan समस्य समाधान कहलता है

पॉजिटिव एटीट्यूड (Positive attitude) -  बहार के व्यक्तित्वों को हमारा व्यवहार,दिखाई तो देता है, परंतु हमारा आइडिया नहीं दिखता, कोई वास्तु या कोई व्यक्ति के बारे में हमारी सोच और धार प्रति हमारे व्यवहार को एटीट्यूड या रवैया कहते हैं, यह जीवन के प्रति हमारा नजरिया क्या है, हमरे रवैया को दिखता है, ऐसे स्थिति में उठे कदम हमारे रवैया या को दर्शता है, हम ममले को कैसे और कितना जल्दी सॉल्व करते हैं, हां हमारा ऊपर निर्भर करता है, जिसे साकारात्मक विचार से हल किया जा सकता है, 

  • हर हाल में खुश रहना सीखें
  • काई बार आप छोटे - छोटे डंडों पर गुस्सा जाते हैं, उन्हें नजर अंदाज करें
  • हालात और परिस्थितयों के अनुसर खुद को कोशिश करने की जरूरत है
  • हर Samasya ka Samadhan Apne anusar Karen
  • विचित्र परिस्थितयों में भी अड़े रहे
  • ग़लत सोच को सही सोच में बदले
  • अगर आपके कुछ नुक्सान हुए हैं तो आप पता करें कि नुक्सान को बचाने के लिए आप क्या नहीं कर सकते
  • सामने जो भी समस्या हो सकारात्मक विचार से समाधान करें
  • हमेशा दूसरे लोगों से सिखाने की कोशिश करें
  • अपने आप से हुई गलतियों में सुधार लाएँ
  • Aapke pass Samasyaen Hain uska samadhan lae
  • दुख से कभी नहीं घबराए उसका सामना करें

स्वयं को प्रेरित कैसे करें (Svayan ko prerit kaise karen)?

स्वयं को प्रेरित करने की क्षमता एक अवसर कौशल है, हाँ हमारे लक्ष्य को पाने, आपके बारे में अच्छा कुछ सोचना, और हमारे जीवन के सुधार के लिए महत्तवपूर्ण है, और आपको प्रेरित रहना चाहिए, ईए क्रिया को सही अंजाम देने के लिए है, कुछ सरल सुझाव बताये गए हैं -

  1. अपने निर्धारित शिक्षाकोण पाने के लिए सोचते ही ना रहे, use kam ko shuru to Karen तभी आपको समझ आता है, क्योंकि दुर जाने के लिए चलना ही पड़ता है
  2. किसी को भी काम करने से पहले उसका छोटा - छोटा भाग कर ले और इस काम को आसान बनाकर करें
  3. स्वयं से कुछ वादा करेगी समय रहते कर पाएंगे
  4. तब देखिए आप लोगों को कैसी ख़ुशी महसूस होती है, जो आपके सामने झलकते हैं
  5. खुद के मन में गलत विचार ना आने दे तथा स्वयं को महत्व देना सीखें
  6. लोगों से उनकी सफ़लता की कहानियाँ सुने और अपनी जिंदगी में अमल करें
लोगों ने ये भी पूछा (FAQ)?


निष्कर्ष - आपने इस ब्लॉक से क्या सीखा? क्या आप लोगों को यह लेख अच्छा लगा, आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं, और आपके मन में आये सवाल का जवाब भी हमसे पूछ सकते हैं, धन्यवाद 🙏 आपका दिन शुभ हो 🌅.

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भारत में, आईटीआई का अर्थ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान है। ये उत्तर - माध्यमिक विद्यालय हैं जो विभिन्न व्यवसायों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इन्हें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) द्वारा प्रशासित किया जाता है। आईटीआई पाठ्यक्रम आम तौर पर 1-2 साल की अवधि के होते हैं और नौकरी बाजार के लिए प्रासंगिक व्यावहारिक कौशल पर केंद्रित होते हैं। जो लोगों के हित में कार्य करते हैं?

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