Foundryman hand tools and use: फाउंड्रीमैन उपकरण और उपयोग, कैसे किये जाते हैं

 Foundryman tools and use: फाउंड्री एक ऐसा काम को कहते हैं, जिसमे एक ही बॉउंड्री में काम किये जाते हैं, और उस बॉउंड्री के अंदर ही हॉट मेटल को डालकर उनको एक रूप में ढाला जाता हैं, जिसे हम लोग फाउंड्री के नाम से जानते हैं, इसमें आप लोगों को मेटल को पिघलाकर वस्तु का आकार और रूप दिए जाते हैं, जैसे - एलुमिनियम से गिलास को बनाना, लोहे से हथोड़े को बनाना एवं कासा से लोगों के आकार के आधार पर थाली या बर्तन को बनाना यह सभी कार्य को फाउंड्री में सम्मिलित किये जाते हैं, और इन सभी कामो को किया जाता हैं,

धातु से उपयुक्त आकार के वस्तु को बनाने के कई सारे इंजीयरिंग विधि में से एक हैं, जिसमे ढलाई की विधि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं, जिसे हम लोग कास्टिंग प्रोसेस कहते हैं, ढलाई वह विधि हैं, जिसमे पिघले हुए धातु को एक साचा में डाला जाता हैं, और और उसे कुछ देर तक ठंडा होना के लिए छोड़ दिया जाता हैं, इस तरह से प्राप्त हुए वस्तु को कास्टिंग कहते हैं, और यह जिस विधि का यूज किया गया हैं, इसे हम फाउंड्री कहते हैं, जो एक आदमी के द्वारा किया जाता हैं, जो बहुत ही सोच समझकर इस फाउंड्री विधि को किया जाता हैं, यह बहुत ही प्राचीन विधि में से एक हैं, इसलिए इस विधि को आज भी कई सारे कंपनी और फेक्ट्री में इस विधि का उपयोग किया जाता हैं,

फाउंड्री में उपयोग होने वाला औजार और उनका मतलब (Tools used in foundry and their meaning) -

ढलाई की इस विधि को  ईसा से लगभग 4,000 हजार वर्ष पहले से इस विधि को किया जा रहा हैं, यह विधि जिसके बारे में, में बात कर रहा हूँ यह बहुत ही प्राचीन तरिके में से एक हैं, जिसमे बहुत से ऐसे पदार्थ कास्टिंग के रूप में यूज में लिया जाता हैं, जिसमे शामिल होते हैं - चांदी, सोना, ताम्बा, कांसा, पीतल, और बहुत से ऐसे वस्तु हैं, जिसका यूज इस प्रकिरिया को करने के लिए किया जाता हैं, जिसमे हम अगर बात करते हैं, इसमें सबसे पहले कौन से ऐसे धातु हैं, जिसका उपयोग सबसे पहले किया गया था तो मैं आप लोगों को बता दू की ताम्बा ऐसे धातु में से एक हैं, जिसका उपयोग सबसे पहले किया गया था और इसेय  ही पहली बात कोयले के भट्टी में गलाया गया था और इसका यूज कुछ ऐसे टूल्स को बनाने में किया गया जो आप भी आप लोगों को देखने में किया जाता हैं, जो हैं ताम्बा का गिलास, यह आप लोगों को आज भी किसी ना किसी घर में देखने के लिया किया जाता हैं, 

आज बहुत से ऐसे वस्तु का उपयोग ढलाई के माद्यम से ही किया जा रहा हैं, जिसमे सबसे महत्वपूर्ण होता हैं, लोहे को गलाना यह बहुत ही हार्ड और मिस्किल भरा काम होता हैं, अगर आप लोग भी लोहे को गला लेते हैं, तो आप लोग भी बिजली के यंत्र, रिंच, लोहे का पाइप और बहुत से ऐसे चीजों को भी आप लोग बना सकते हैं, जो आप लोगों को अपने आस - पास के लोगों के घर में या आपको मार्केट में देखने को मिलता हैं, यानी की आप लोगों को कोई भी ऐसा समान दीखते हैं, जो लोहे का हो या किसी अन्य मेटल का तो आप लोग भी इसे जान सकते हैं, की यह कैसे और किस विधि से बनाये गए हैं यह सभी पदार्थ जो दीखते हैं आप लोगों को यह सभी फाउंड्री के विधि से ही बनाये गए हैं, और आप लोगों के जरूरत के हिसाब से,

हाथ से मोल्डिंग बनाने के उपकरण (Tools for hand moulding) -

1.  थापी /रेमर (Rammer) - मोल्डिंग के समय मोल्डिंग सेंड को यानी की बालू को रेमिंग करने के लिए यानी की कूटने के लिए इस टूल्स का उपयोग किया जाता हैं, जो एक ठोस लोहे के मोटे आकार के होते हैं, यह कास्ट आयरन या स्टील का बना हुआ होता हैं, जिसका हेंडल लकड़ी या स्टील का बना हुआ होता हैं, जिसका यूज फाउंड्री के लिए किये जाते हैं,

रेमर तीन प्रकार  के होते हैं, जिसमे शामिल हैं, पिन रेमर, प्लेट रेमर एवं तीसरा का नाम हैं, वातील रेमर हैं, जो आप लोगों को आईटीआई में देखने के लिए नहीं मिलते हैं, लेकिन आप लोगों को चिंता करने का कोई भी बात नहीं यह आप लोगों को जब आप लोग किसी भी कंपनी या फेक्ट्री में काम करने के लिए जाते हैं, तो आप लोगों को यह वातील रेमर देखने को मिलते हैं, जो एयर के माद्यम से संचालित किये जाते हैं, और इससे तो तरह से इसे काम में लिया जाता हैं, जब आप लोग इसका यूज करते हैं, तो आप लोगों को समझ में आते हैं, इसके फीचर के बारे में वरना आप लोगों को कुछ भी नहीं समझ में आते हैं, 

2. पिन रेमर (Pin Rammer) - इसका हम अगर बनावट की बात करते हैं, तो इसका ऊपर वाला भाग जो की एक रोड के समान होता हैं, लेकिन इसका निचले जो भी हिस्सा होते हैं, वह प्लेट के आकार के होते हैं, जिसका यूज भी मोल्डिंग सेंड को जो की मोल्डिंग बॉक्स से ऊपर होते हैं, उसको बैठाने के लिए किया जाता हैं, यानी की यह वह रिक्त अस्थान को पूरा करता हैं, जो पिन रेमर से नहीं हो सकते हैं,

3. रेमर (Rammer plate) - यह एक मोटे लोहे की आकार के होते हैं, जिसका यूज मोल्डिंग सेंड को अच्छी तरह से बैठाने के लिए किया जाता हैं, और इस चलाने से मोल्डिंग सेंड बहुत ही अच्छी तरीका से बैठ जाते हैं, जिसका बहुत ही महत्व होता हैं, इसका यूज से मोल्डिंग सेंड में बनाये जाने वाले साँचा बहुत ही अच्छा और बेस्ट निकलते हैं,

4. कर्णी (Trowel) - यह माइल्ड स्टील की चादर की बनी हुए होते हैं, जिसमे लकड़ी का बेट लगाया जाता हैं, इसका उपयोग मोल्डिंग सेंड को मिक्सिंग और सेंड को उठाने के लिए किया जाता हैं, जो एक पान के पते के आकार के होते हैं, और बहुत ही चमकीला सा होते हैं,

5. चम्मच (Spoon) - इसका यूज भी कर्णी के जैसा ही किया जाता हैं, लेकिन इसमें आप लोगों द्वारा छोटे - मोटे काम को ही किया जाता हैं, इससे कोई भी बड़ा काम को नहीं किया जा सकता हैं, जैसे की मोल्डिंग बॉक्स में बनाये गए डिज़ाइन में गिरे हुए मोल्डिंग सेंड को निकालने का काम किया जाता हैं, 

6. धोकनी (Bellows) - यह चमड़े की बनी हुए होते हैं, जिसकी बेट लकड़ी का बना होता हैं, इसके दोने बेट को दबाने से हवा निकलते हैं, जिसका उपयोग कोयले को जलाते वक्त भी किया जाता हैं, या कुछ मोल्डिंग बॉक्स के पैटर्न को साफ करने के लिए भी किया जाता हैं, दो देखने से आप लोगों को एक छाता की तरह प्रतीत होता हैं, और आप लोगों को एयर का काम भी करता हैं, 

7. ब्रश (Brush) - यहाँ भी उसी प्रकार का ब्रश का उपयोग किया जाता हैं, जो दरवाजे, खिड़की और सेलिंग को पेण्ट करने के लिए उपयोग में लिए जाते हैं, जिसका यूज मोल्ड में गिरे हुए बालू के कण को साफ करने के लिए भी किया जाता हैं, और पेंटिंग के लिए भी किये जाते हैं, 

8. क्लीनर / लिफ्टर (Lifter) - यह माइल्ड स्टील के लम्बे छड़ के आकार का होता हैं, जिसका एक सिरा थोड़ा चापड़ा और मुड़ा हुआ होता हैं, मुड़े हुए भाग का उपयोग बालू या सेंड के कण को हटाने के लिए किया जाता हैं, जो धोकनी से साफ नहीं किया जाता हैं, ऐसे बालू कण को साफ करने के लिए क्लीनर का यूज किया जाता हैं, जो कोर और मोल्ड के डिज़ाइन में भी बहुत ही सहायक होता हैं, 

9. डस्ट बैग (Dust bag) - इस बैग में पार्टिंग मेटेरियल को रखा जाता हैं, जैसे - सिलिका चूर्ण, प्लम्बागो , लोहे का चूर्ण आदि ऐसे मेटेरियल को इस बैग में रखा जाता हैं जिसे छान या हिलाने पर इस बैग से निचे की और गिराया जा सके, इसलिए इस बैग का मदद लिया जाता हैं, पॉउडर के रूप में यूज करने के लिए,

10. हस्त चलनी (Hand riddle) - इसे बालू के मेटेरियल को चालने के लिए और मोल्डिंग सेंड में मौजूद लोहे का टुकड़े और बालू के कण को छानने के लिए इस चलनी का उपयोग किया जाता हैं, जिससे बने वाले पदार्थ की गुणवत्ता में सुधार या फिनिशिंग आते हैं, 

11. गैगर्स (Gaggers) - इन्हें परबलक भी कहा जाता हैं, यह एक लोहे की एक छड़ होती हैं, जिसके दोने सिर मुड़े होते हैं, इसे मोल्डिंग सेंड में मजबूती लाने के लिए इसका यूज किया जाता हैं, इसका यूज करने से जो भी मोल्डिंग बॉक्स में सेंड को मिलाया जाता हैं, वह और भी मजबूत हो जाते हैं, और मोल्डिंग सेंड को टूटने से रोकते हैं, जो मोल्डिंग बॉक्स से ऊपर वाले हिस्से से निचे वाले हिस्से में लटकाये जाते हैं, इसका अगर हम आकार की बात करते हैं, तो यह एल आकार के होते हैं, और या बॉक्स के किनारे में लगाए जाते हैं, ताकि मोल्डिंग सेंड से सेंड को निचे की और ना गिरना पड़े, 

12. स्प्रू पिन (Sprue pin) - यह लकड़ी का बना हुआ होता हैं, जो बेलनकार के आकार का और टेपर यानी की तिरछा होता हैं, जिसका उपयोग मोल्ड में स्प्रू बनाने के लिए किया जाता हैं, यानी की हॉट मेटल को डालने के लिए इस पिन का उपयोग करते हैं, जिसके माध्यम से हॉट मेटल को डाला जाता हैं, 

13. जकड़ प्रकील (Draw spike) - इसका उपयोग मोल्डिंग किये गए मोल्ड से पैटर्न निकालने के लिए किया जाता हैं, जिसका हम अगर दूसरा नाम की बात करते हैं, तो इसे हम कील या काटी भी कह सकते हैं, जो स्टील का बना हुआ एक छड़ होता हैं, जिसका एक सिरा नुकीला और दूसरा सिरा चेप्टा होता हैं, जिसे हम पैटर्न में होथोड़े के मदद से ठोकते हैं, और इसके आस - पास हलके हाथो से पानी डालकर धीरे - धीरे इसे ठोक कर निकाला जाता हैं, उसके बाद जब यह आपके हाथ से पकड़ने वाले होते हैं तो आप लोग इसे होने हाथ से पकड़कर निकाल सकते हैं, 

14. कर्तक छड़ (Strike of bar) - यह लकड़ी या धातु का बना हुआ होता हैं, जिसका निचे वाला भाग सीधा और मोटा होता हैं, जिसका हम अगर यूज की बात करते हैं, तो यह मोल्डिंग बॉक्स में मौजूद अतरिक्त बालू को हटाने और उस सतह को प्लेन करने का कार्य इस छड़ की मदद से किया जाता हैं, जो बहुत ही महत्वपूर्ण टूल्स में से एक माना जाता हैं,

15. स्प्रिट लेवल (Spirit level) - बालू की सतह या मोल्ड के किसी भाग को समतल होने की जांच स्परिट लेवल से लिया जाता हैं, यह लकड़ी या धातु का एक छोटा सा बॉक्स होता हैं, जिसका बिच वाले हिस्सा जो सीसा का होता हैं, उसमे पारा होता हैं, जो यह बताता हैं की क्या यह सतह बराबर हैं, या ऊंचा निचा हैं, अगर आप लोगों को इस लेवल का यूज करने आ जाता हैं तो आप लोगों को सतह की जानकारी सही रूप से देखने के लिए किये जा सकते हैं, यानी की जब आप इस लेवल का यूज करते हैं, तो आप लोगों को इस लेवल को लगाने से पहले आप लोगों को यह चेक करना होता हैं, की क्या यह लेवल ठीक हैं, या नहीं अगर आप लोगों को यह लेवल ठीक लगता हैं तो आप लोगों को जिस भी जगह की लेवल की जांच करनी होती हैं, उसके ऊपर आप लोगों को रख देना हैं और अब आप लोगों को पारा के बून्द को देखना हैं, अगर आप लोगों को पारा का बून्द लेफ्ट या राइट होता हैं, तो आप लोगों द्वारा किये गए लेवल एक समान नहीं हैं लेकिन वही पर आप लोगों का पारा का लेवल बिच में होता हैं, तो आप लोगों द्वारा किये गए लेवल सही हैं, 



16. बेलचा (Shovel) - यह माइल्ड स्टील का बना हुआ होता हैं, जिसका सामने वाला हिस्सा छोड़ा और मोठे परत के रूप में होता हैं, इसके दूसरे किनारे में हाथ से पकड़ने के लिए एक मुठी बनी हुए होते हैं, जिसे पकड़कर इसका इस्तेमाल किया जाता हैं, इसका काम यह होता हैं, की आप लोग इसका यूज करके  मोल्डिंग सेंड को मिलाते हैं, जो बहुत ही आसानी से होता हैं, और हल्का भी रहता हैं, जिसका यूज भी मोल्डिंग बॉक्स में बालू डालने का काम में आता हैं,



17. समकर / स्मूतर (Smoother) - मोल्ड की मरम्मत करते समय या रिपेयर करते समय, मोल्ड का कोना और आये हुए दरार को चिकना करने के लिए किया जाता हैं, जो लकड़ी या स्टील का भी बना हुआ हो सकता हैं, 

18. वेंट वायर रोड (Vent wire rod) - यह लोहा का छड़ होता हैं, जिसका एक सिरा नुकीला होता हैं, तार या छड़ के दूसरे सिरे पर एक लकड़ी का बेट लगा हुआ होता हैं, इसकी सहायता से मोल्डिंग बॉक्स में बालू से गैस निकालने के लिए छिद्र या एक छोटा सा हॉल किया जाता हैं, जिसके माद्यम से हॉट मेटल को जैसे ही डालते हैं, इसका गैस निकल जाए, 

19. जलकंदु (Water bulb) - इसका एक सिरा गोल होता हैं, और दूसरे सिरे में एक लम्बी नाली बनी हुई होती हैं, जिसमें ब्रश लगा होता हैं, जो गोल होता हैं, उसमें पानी भरा हुआ होता हैं, जो लगे हुए ब्रश की सहायता से पानी को धीरे - धीरे गिरने का काम को करता हैं, जिसका फायदा यह होता हैं, की अगर हम लोग मोल्डिंग सेंड को मिक्स करते हैं, तो उसमे पानी जो डालते हैं, कभी - कभी वह गिला हो जाता हैं, इसलिए हम लोग इस जलकंदु का यूज करते हैं हलके - हलके पानी को डालने के लिए, 

20. मैलेट (Malet) - यह एक लकड़ी का हथोड़ा होता हैं, जिसका अकार हथोड़े के समान ही होता हैं, लेकिन यह बहुत ही हल्का और कमजोर होता हैं, इसके द्वारा लकड़ी के पैटर्न को हलके - हलके हाथो से ठोककर इसके माध्यम से निकाला जाता हैं,

21. स्नेप  फ्लास्क (Snap flask) - यह एक फ्रेम होता हैं, जिसके अंदर मोल्ड बनाया जाता हैं, मोल्ड बन जाने के बाद इसे स्नेप प्लास्क से निकाल लिया जाता हैं, यह नॉर्मल मोल्डिंग बॉक्स की तरह ही होता हैं, अंतर सिर्फ यह हैं की चारों कोनों में से एक कोना हिज होता हैं, जो रेमिंग के बाद इसे खोलकर इसे बाहर निकाल लिया जाता हैं, जिसमें धातु की ढलाई की जाती हैं, इस प्रकार से एक ही फ्लास्क  से कई सारे मोल्ड को बनाये जा सकता हैं,


लोगों ने यह भी पूछा (FAQ) -




निष्कर्स - फाउंड्री मैन से रिलेटेड टूल्स का फोटो और उसका यूज़ के बारे में आप लोगों ने इस ब्लॉग को रिड किया क्या यह ब्लॉग आप लोगों कुछ हेल्प किया या आप लोगों को ऐसा लगता हैं, की इस ब्लॉग में जो भी जानकारी दिए गए हैं, वह बिलकुल सही हैं, तो आप लोग मेरे इस ब्लॉग को खूब लाइक करे और अन्य लोगों को भी इस वेबसाइट के बारे में बताये जिससे की आप लोगों के साथ - साथ इस ब्लॉग या वेबसाइट से उन लोगों को भी मदद मिल सके जो आईटीआई करने वाले हैं, या आईटीआई के बारे में सोच रहे हैं, ताकि उन लोगों को भी इस ब्लॉग या वेबसाइट से कुछ नए एवं अनोखे जानकारी इस ब्लॉग से मिलते रहे, (धन्यवाद, आप लोगों का दिन शुभ हो). 

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भारत में, आईटीआई का अर्थ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान है। ये उत्तर - माध्यमिक विद्यालय हैं जो विभिन्न व्यवसायों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इन्हें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) द्वारा प्रशासित किया जाता है। आईटीआई पाठ्यक्रम आम तौर पर 1-2 साल की अवधि के होते हैं और नौकरी बाजार के लिए प्रासंगिक व्यावहारिक कौशल पर केंद्रित होते हैं। जो लोगों के हित में कार्य करते हैं?

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